Saturday, March 9, 2019



દોસ્તો સી એસ સી દ્વારા  દિવ્યાંગ લોકોના કાર્ડ ઈશ્યુ થાય જેની સંપૂર્ણ માહિતી આપેલ લિંક પર છે

https://youtu.be/V4YQHvkUzKc



ફાયદા
યુ.ડી.આઈ.ડી. કાર્ડ નીચે આપેલ વ્યક્તિઓને અપંગ વ્યક્તિઓના ઘણા લાભો લાવશે:

વિકલાંગ વ્યક્તિઓ દસ્તાવેજોની બહુવિધ કૉપીઓ બનાવવાની, જાળવણી કરવા અને બહુવિધ દસ્તાવેજો લઈને જરૂર નહીં હોવાથી કાર્ડ, બધી જરૂરી વિગતોને કેપ્ચર કરશે જેને બારકોડર્ની સહાયથી ડીકોડ કરી શકાય છે.
યુડીઆઈડી કાર્ડ ભવિષ્યમાં વિવિધ લાભો પ્રાપ્ત કરવા માટે અસમર્થતાની ચકાસણી, ઓળખનો એક દસ્તાવેજ હશે
યુ.ડી.આઈ.ડી. કાર્ડ અમલીકરણના પદાનુક્રમના ગ્રામ્ય સ્તરે, બ્લોક સ્તર, જીલ્લા સ્તર, રાજ્ય સ્તર અને રાષ્ટ્રીય સ્તરે તમામ સ્તરો પર લાભાર્થીની શારીરિક અને નાણાકીય પ્રગતિના ટ્રેકિંગમાં પણ મદદ કરશે

कार्ड के लाभ

UDID कार्ड दिव्यांगजनों हेतु निम्नानुसार लाभों के समूह को लायेगा :-
  1. दिव्यांगजनों को दस्तावेजों की बहुल प्रतियों को बनाने, रखरखाव करने तथा बहुदस्तावेजों को लेजाने की आवश्यकता नहीें होगी क्योंकि कार्ड में सभी आवश्यक विवरण मौजूद होंगे जिन्हें पाठक की सहायता से कूट मुक्त किया जा सकेगा
  2. भविष्य में विभिन्न लाभों को प्राप्त करने हेतु UDID कार्ड दिव्यांग की पहचान, सत्यापन के लिये एकल दस्तावेज होगा
  3. लाभार्थी की भौतिक तथा वित्तीय प्रगति की खोज को कारगर बनाने में कार्यान्वयन के अनुक्रम के सभी स्तरों - ग्रामीण स्तर से, खांड स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी UDID कार्ड सहायता करेगा

संपर्क जानकारी

के. विक्रम सिंह राव
निदेशक
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सा

दिव्यांगजनों के बारे में

1-    दिव्यांगजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण एव पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, १९९५ के अनुसार - दिव्यांग व्यक्ति को नीचे वर्णित श्रेणियों में से किसी के तहत आने वाली एक अथवा अधिक दिव्यांगताओं सहित एक रूप में परिभाद्गिात किया जा सकता है :-
द्रुष्टिहीनता :- ''द्रुष्टिहीनता'' एक ऐसी स्थिति को दर्शाता है जहां एक व्यक्ति निम्न स्थितियों में से किसी एक से पीडित होता है जिसके नाम है :-
(क) पूरी तरह दृद्गिट का न होना, अथवा
(ख) सुधारात्मक लैंसों सहित बेहतर आंख में ६/६० अथवा २०/२०० (Snellen) से
    अधिक दृश्य तीक्ष्णता न हो, अथवा
2-    (ग) २०¬¬ डिग्री अथवा इससे भी खराब कोण में दृद्गिट नीचे फैलाने के क्षेत्र की सीमा
3-    प्रमस्तिष्क  अंगघात (Cerebral Palsy) :-“Cerebral Palsy” से तात्पर्य विकास के प्रि-नैटल, पैरी-नैटल अथवा मूर्छित अवधि में घटित मस्तिष्क इन्सल्ट अथवा इंजरी के परिणामस्वरूप अपसामान्य मोटर कन्ट्रोल पोस्चर के जरिये विशिष्टीकृत व्यक्ति की गैर प्रगामी स्थितियों के समूह से है।
4-    अल्पदृद्गिट :- ''अल्पदृद्गिट'' से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसे मानक Refractive सुधार के उपचार होने के बाद भी देखने को कार्य में बाधिता होती है लेकिन जो उचित सहायक उपकरण के साथ किसी कार्य की योजना बनाने अथवा उसे अंजाम देने के लिए दृद्गिट प्रयोग करता है अथवा प्रयोग करने की संभावित तौर पर सामर्थ रखता हैं।
5-    गतिशील दिव्यांगता :- ''गतिशील दिव्यांगता'' से तात्पर्य अस्थियों, जोडों अथवा मांसपेशियों की दिव्यांगता से है जो अंगों अथवा प्रमस्तिष्क अंगघात के Nayform की गतिशीलता को काफी हद तक प्रतिबंधित करती है।
कुष्ट रोग - उपचारित  :- ''कुष्ट रोग - उपचारित व्यक्ति'' से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसका कुष्ट रोग से उपचार हो चुका है परन्तु निम्न से पीडित है -
(क) हाथों अथवा पैरों में संवेदना की हानि तथा आंख तथा आंख की भौ में संवेदना तथा Taresis की हानि परन्तु साफ न दिखाई देना।
(ख) कमी तथा पेरेसिस (Paresis) प्रदर्शित करे परन्तु उनके हाथों तथा पैरों में प्रयाप्त गतिशीलता होती है जिससे वे सामान्य लाभप्रद गतिविधि में लग सके।
6-    (ग) अत्यधिक शारीरिक कमी के साथ-साथ बढती आयु किसी लाभदायक व्यवसाय को करने से उसे रोकती है तथा ''कुष्ट रोग उपचारित'' अभिव्यक्ति तदनुसार समझाया जायेगा।
7-    मानसिक दिव्यांगता :- ''मानसिक दिव्यांगता''से तात्पर्य किसी व्यक्ति के मस्तिष्क बंद अथवा अपूर्ण विकास की स्थिति से है जो विशेद्गा रूप से ज्ञान की उपसामान्यता द्वारा विशिष्टता प्रदान करता है
8-    मानसिक रूग्णता :- ''मानसिक रूग्णता'' से तात्पर्य मानसिक दिव्यांगता के अलावा अन्य कोई मानसिक अव्यवस्था होना है।
श्रवण बाधिता :- ''श्रवण बाधिता'' से तात्पर्य बातचित की बारंबारता रैंज में बेहतर कान में ६० डेसीबल अथवा अधिक हानि होना है।
माजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
कमरा नंबर ५१७, बी-II ब्लॉक, पर्यावरण भवन, CGO कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली - ११०००३ (भारत)